Saptahik Patrika Aniyamit Roop Se Prapt Hone Ke Virodh Me Shikayat Karte Huye Sampadak Ko Patra Likho | Patra Lekhan | साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने के विरोध में शिकायत करते हुए संपादक को पत्र लिखो
नमस्ते पाठकों,
इस ब्लॉग में ' साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने के विरोध में शिकायत करते हुए संपादक को पत्र लिखो ' इस पत्र लेखन ( Patra Lekhan ) का उत्तर दिया गया है यह प्रश्न पूर्ण विश्राम पाठ का स्वाध्याय के अंतर्गत आया है
कोई साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने के विरोध में शिकायत करते हुए संपादक को निम्न प्रारूप में पत्र लिखो | Saptahik Patrika Aniyamit Roop Se Prapt Hone Ke Virodh Me Shikayat Karte Huye Sampadak Ko Patra Likho | Purna Vishram Swadhyay
उत्तर:
२० सितंबर, २०२२
सेवा में,
माननीय संपादक
भारत समाचार,
माहिम - पूर्व, मुंबई ।
bharat@gmail.com
विषय: साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने के संदर्भ में ।
मा. महोदय,
मैं आदर्श सूर्यवंशी, कक्षा आठवीं का छात्र हूँ । आपकी ओर से संपादित 'विज्ञान पत्रिका' का एक नियमित पाठक होने के नाते यह पत्र लिख रहा हूँ।
माननीय संपादक जी यह बताते हुए बेहद खेद हो रहा है कि पिछले छह सप्ताहों से विज्ञान पत्रिका मुझे अनियमित रुप से प्राप्त हो रही है । मंगलवार को मिलने वाली यह पत्रिका कभी बुधवार को तो कभी शनिवार को मिल रही है । इस अनियमितता के कारण मेरे अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं । आपकी विज्ञान पत्रिका काफ़ी मजेदार है । इस पत्रिका के संपादन कार्य से जुड़ी आपकी टीम का कार्य सराहनीय है; परंतु पत्रिका की अनियमित रूप से प्राप्ति के कारण न मैं पूर्ण रुचि से पत्रिका पढ़ पा रहा हूँ और न मैं मेरे अन्य कार्यों को सही समय पर कर पा रहा हूँ । अगर इसी तरह की अनियमितता बरकरार रही तो दुबारा विज्ञान पत्रिका मंगाना मेरे लिए कठिन हो जाएगा ।
मुझे आशा है कि आप समस्या की गंभीरता को समझकर इस संदर्भ में उचित कदम उठाएंगे ।
धन्यवाद ।
भवदीय,
आदर्श सूर्यवंशी
समता निवास, कांदिवली - पश्चिम,
मुंबई - १०१
suryawanshi@gmail.com
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