Yadi Mai Antariksh Yatri Ban Jaaun To | Essay Writing | यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो | निबंध लेखन

पाठ ६. 'पृथ्वी' से 'अग्नि' तक इस पाठ का स्वाध्याय के अंतर्गत आया प्रश्न 'यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो' का एक उदाहरण उत्तर यहाँ दिया गया है | इस निबंध को पढ़कर आप स्वयं निबंध लेखन का प्रयास कर सकते हैं | Maharashtra Board Solutions For Class 7


Yadi Mai Antariksh Yatri Ban Jaaun To | Essay Writing | यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो | निबंध लेखन


यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो | Yadi Mai Antariksh Yatri Ban Jaaun To | Prithvi Se Agni Tak Swadhyay 


उत्तर:

यदि मैं अंतरिक्ष यात्री बन जाऊँ तो, उन्ह सभी चीजों का प्रत्यक्ष अनुभव लूँगा जिन्ह चीजो के बारे में मैं अबतक सिर्फ सुनते आ रहा हूँ । जब मैं अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष की तरफ उड़ान भरूँगा, तब उस यान से मैं अपनी धरती को जरूर देखूँगा । मैं यह जरूर देखना चाहूँगा कि जिस तरह से भूगोल विषय में भारत का नक्शा बना हुआ है; क्या भारत वैसे ही नजर आता है ? क्या अन्य देश भी नक्शे में दिखाए गए रूप में नजर आते हैं ? अपने गंतव्य पर पहुँचने के बाद वहाँ से हमारी पृथ्वी कैसी नजर आती है, यह भी देखना चाहूँगा ।

मैंने चाँद की खूबसूरती के विषय में कई कवियों की लाजवाब कविताएँ पढ़ी है; कई गीतकारों के गीत भी सुने है । मेरी इच्छा है कि उस खूबसूरत चाँद की खूबसूरती और पास से निहार सकूँ । जब मैं चंदा मामा के पास पहुँचूँगा, तब मैं इस बात का पता लगाने का प्रयास भी करूँगा कि चंदा मामा के दिल में हम धरतीवासियों के लिए कितना प्यार है ? ऐसा नहीं है कि मैं मेरी उड़ान सिर्फ चाँद तक ही सीमित रखूँगा । हम सबको डराकर रखनेवाले शनि भगवान से भी पूछूँगा कि वह हमारे ग्रह के लोगों से इतना खुन्नस खाकर क्यों बैठे है ? 

अंतरिक्ष यात्री बनने पर मैं अपनी यान को सितारों की दुनिया में भी ले जाऊँगा । उन्ह सितारों में मैं मेरे अपने कौन है ? हमारे भारतीय कौन है ? क्या वह मुझे पहचान पाएँगे ? या अन्य देशों के सितारें मुझसे नफरत करेंगे ? इस बात का पता भी जरूर लगाऊँगा । इंसानों की अभिलाषाएँ होती है, परंतु सितारा बनने के बाद भी कोई अभिलाषा जीवित रहती है ? इसे भी अनुभव करने का मौका मिलेगा । 

अंतरिक्ष से मेरा मन भर जाने पर वापस धरती पर लौटते समय मैं अपनी पलकों को एक पल के लिए भी नहीं झपकाऊँगा । मैं यह भी देखने का प्रयास करूँगा कि जो हाल धरती का हमने इतने सालों में किया है; वही हाल हम अंतरिक्ष का कर रहे है या अंतरिक्ष के लिए कुछ नया कर रहे है ।

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