Yadi Tum Pashu Pakshiyon Ki Boliyan Samajh Pate To | यदि तुम पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो

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इस लेख में ' यदि तुम पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो | Yadi Tum Pashu Pakshiyon Ki Boliyan Samajh Pate To | ' इस पश्न का उत्तर समझाने का प्रयास किया गया है | दिए गए उत्तर को पढ़कर आप स्वयं का उत्तर बनाने का प्रयास कर सकते हैं | Maharashtra Board Solutions For Class 7

यदि तुम पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो | Yadi Tum Pashu Pakshiyon Ki Boliyan Samajh Pate To

यदि तुम पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो | Yadi Tum Pashu Pakshiyon Ki Boliyan Samajh Pate To

उत्तर: मनुष्य अपने विचारों को, अपनी भावनाओं को बोलकर, लिखकर या संकेतों के माध्यम से व्यक्त करता है । मनुष्य की तरह ही पशु - पक्षी भी आपस में बोलते है, संकेत करते है; परंतु हम मनुष्यों को उनकी भाषा न आने के कारण हम पशु - पक्षियों की बोली नहीं समझ पाते । कितना अच्छा होता अगर हम धरती पर रहने वाले सभी जीव - जंतुओं की बोलियाँ समझ पाते ।


यदि मैं पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाता, तो सबसे पहले जो मेरे इर्द - गिर्द अधिक मात्रा में पशु - पक्षी है; मैं उनसे बातें करता ।


मेरी खिड़की में कभी चिड़ियाँ, कभी कौए, कभी कबूतर आकर बैठते हैं । अपनी आवाज में न जाने वे क्या बोलते रहते है । मैं उन्हें दाने डालता हूँ, उनके लिए पानी भी रखता हूँ । वे आते है, आवाजें करते है  और खा - पीकर चले जाते है; परंतु कभी - कभार खाना - पानी रखने के बावजूद भी वे उसे छूते तक नहीं । अपनी बोली में बहुत कुछ बोलकर चले जाते है । न जाने वे क्या कहना चाहते हैं । उन्हे देखकर मुझे ऐसा लगता है कि काश ! मैं उनकी बोली समझ पाता तो कितना अच्छा होता । मैं समझ पाता कि वे कहना क्या चाह रहे हैं ? क्या वे एक ही तरह का खाना खाने से ऊब गए है ? या मेरे द्वारा रखा गया पानी गर्मा गया है ? या वे कुछ मनपसंद चीज खाने की तमन्ना में मेरे खिड़की में आए है ? यदि मुझे उनकी बोली समझ आती तो मैं उनकी फरमाइश जरूर पूरी करता ।  


मैं कुत्तों को अक्सर देखता हूँ कि वे बाइक सवार पर,  अन्य वाहनों पर भौंकते है । उन्हें कुछ दूरी तक दौड़ाते हैं । कुत्तों के भौंकने से कोई बाईक सवार रुकता है, तो कोई डर के मारे बाइक भगाता है । इस कारण कभी बाईक सवार दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो कभी - कभार कुत्ता किसी वाहन की चपेट में आकर घायल हो जाता है । कुत्तों के भौंकने के कारण, उनके द्वारा काटे जाने के डर के कारण बहुत सारे लोग उन्ह से नफरत भी करते है, कभी - कभार तो उन्हें डंडों से पीटा जाता है या पत्थर मारकर चोट पहुँचाई जाती है । काटे जाने का डर ही है जिस कारण लोग साँप दिखते ही उसे मारने दौड़ते है ।


अगर मुझे कुत्तों की, साँपों की बोली समझ आती तो मैं उनके द्वारा भौंके जाने का, काटे जाने का कारण जान पाता । उन्ह कारणों से मैं सभी मनुष्य जाति को अवगत कराता । 


यदि मैं पशु - पक्षियों की बोलियाँ समझ पाता, तो मैं छोटे - बड़े सभी पशु - पक्षियों से बातें कर के उनकी दिनचर्या, उनका रहन - सहन, उनकी समस्याएँ, इंसानों के प्रति उनके विचार, इंसानों के लिए कोई सुझाव आदि सभी बातों को जानने का प्रयत्न करता । पशु - पक्षियों के विचार जानकर मैं उनके विचारों को सभी मनुष्यों से साझा करता । मैं उन्हें भी उनके लिए मनुष्य क्या विचार रखता है, यह बताता । मैं गौतम बुद्ध की तरह सभी पशु - पक्षियों और मनुष्यों में मैत्री पूर्ण संबंध स्थापित करने का प्रयत्न करता ।

पढ़ने हेतु :

प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों के आधार पर एक कहानी लिखो: पानी, पुस्तक, बिल्ली, राखी ।


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