Kisi Dukandar Aur Grahak Ke Bich Hone Vala Samvad Likho Jaise Maa Aur Sabjiwali
नमस्ते पाठकों, इस लेख में किसी दुकानदार और ग्राहक के बीच होने वाले संवाद का एक उदाहरण दिया गया है । दिए गए लेख को पढ़कर आप स्वयं का उत्तर बनाने का प्रयास कर सकते हैं ।
किसी दुकानदार और ग्राहक के बीच होने वाला संवाद लिखो जैसे - माँ और सब्जीवाली | Kisi Dukandar Aur Grahak Ke Bich Hone Vala Samvad Likho Jaise Maa Aur Sabjiwali
उत्तर:
सब्जीवाली: सब्जी लेलो, सब्जी... ताजी - ताजी सब्जी.... ।
माँ: बहन यह मेथी की एक जोड़ी किस भाव में बेच रही हो ?
सब्जीवाली: ३० रुपए में एक जोड़ी माता जी ।
माँ: इतना महँगा ! सोना - चांदी बेच रही हो क्या ?
सब्जीवली: माता जी आज का यही भाव है । आप किसी - से भी पूछ लो ।
माँ: आप लोगों के तो रोज ही भाव बढ़ते हैं । ऐसे ही भाव बढ़ाओगे तो गरीब व्यक्ति क्या खाएगा ?
सब्जीवाली: हम भी क्या करें माताजी, जितने का लाते है उसमें एक - दो रुपए जोड़कर बेचते है । हमारी कमाई एक जोड़ी के पीछे एक - दो रुपए ही है । हमारा भी पेट है, माता जी !
माँ: फिर भी ४० की २ जोड़ियाँ देगी, तो तुझसे लूंगी । वरना दूसरे ठेले पर जाती हूँ ।
सब्जीवाली: घूमकर देख लेना माता जी। आपको ऐसी हरी सब्जियाँ पूरी सब्जी मंडी में कहीं नहीं मिलेंगी ।
माँ: ठीक है, ना तेरा ना मेरा । ५० में २ जोड़ियाँ दे दे ।
सब्जीवाली: माता जी ५५ में लो तो मुझे भी कुछ फायदा हो ।
माँ: ठीक है, दे दे । साथ में २ हरी मिर्चियाँ भी डाल देना ।
सब्जीवाली: यह लो माता जी ।
माँ: यह ले पैसे । शुक्रिया !
सब्जीवाली: फिर जरूर आना माता जी ।
माँ: ठीक है बहन ।
पढ़ने हेतु:
• Blog: Mrsuryawanshi.com
• YouTube: Mr. Suryawanshi
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें